ब्रह्माण्ड




ब्रह्माण्ड आदिकाल से मनुष्य की जिज्ञासा का विषय रहा है। विचारशील व्यक्ति के लिए विचारणीय व विष्मयकारी है कि -
 इसकी उत्पत्ति कब और कैसे हुई ?
 इसके अस्तित्व का प्रारम्भ कब हुआ ? 
 इसका जन्मदाता कौन है ?
 ब्रह्माण्ड या जन्मदाता में से पहले कौन जन्मा ?
 ब्रह्माण्ड का जन्मदाता कहाँ से आया ?
 विराट ब्रह्माण्ड की मूल संरचना कैसी है ?
इन समस्त प्रश्नों का उत्तर नहीं है। अतः ब्रह्माण्ड के बारे में जो भी जानकारी उपलब्ध है उसका वर्णन निम्न है। 👇
ब्रह्माण्ड समय और अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु है। ब्रह्माण्ड में सभी ग्रह, तारे गैलेक्सियाँ, खगोली पिंड, गैलेक्सियों के बीच के अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु, अपरमाणविक कण, सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा शामिल है। पूरे ब्रह्माण्ड का व्यास अज्ञात और अनंत है। 

ब्रह्माण्ड में कुछ भी स्थिर नहीं है। सभी गतिमान और परिवर्तनशील हैं। चन्द्रमा हमारी धरती की परिक्रमा, धरती सूरज का, सूरज ब्रह्माण्ड के साथ मन्दाकिनी ( मिल्की वे ) का, मन्दाकिनी अनंत अंतरिक्ष में गतिशील है। मन्दाकिनी भी अनंत है। 
ब्रह्माण्ड में ब्लैक होल है जिसकी गुरुत्वीय शक्ति बहुत तेज है जो अपने घेरे में आने वाली मन्दाकिनी को निगल लेता है और प्रकाश को भी अपने पार नहीं होने देता। ब्रह्माण्ड की इतनी बड़ी संरचना का हो पाना एक विष्मयकारी रहस्य है। 
इस ब्रह्माण्ड को सम्मानसहित उसकी अबूझ अवर्णनीय अनंत विशालता को शत शत नमन। शत शत नमन। 🙏🙏🙏🙏🙏🙏




goforblessings celebrates bramand as god the father

goforblessings writes on brahmand and celebrates as creative god the father. readers will honour and celebrate brahmand for mysterious unfathomable creation of god the father.

Comments

  1. I have a place here. Wonderful.

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  2. My humble bow to the creator Almighty.

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  3. There is still a mind to FIND who can go back in time so so behind. THIS DAY I BOW TO THE CREATOR.

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