रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
किवदंती के अनुसार भगवान श्री राम सीता जी को मुक्त करने के लिए लंका पर चढ़ाई करने के पूर्व रावण से युद्ध में सफलता की कामना हेतु तथा उसके पश्चात युद्ध कार्य में सफलता और विजय मिलने पर कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए अपने आराध्य भगवान शिव की आराधना समुद्र के किनारे रेत से निर्मित शिवलिंग के सम्मुख की।
भगवान राम और सीता जी की आराधना से प्रसन्न भगवान शिव स्वयं ज्योति स्वरूप प्रकट हुए और उन्होंने रेत निर्मित लिंग को श्री रामेश्वरम की उपमा दी। यही श्री रामलिंगम भी कहलाता है।
विजयी श्री राम जी ने हनुमान जी से शिवलिंग लाने का अनुरोध किया। पवन-सुत हनुमान जी शिवलिंग लाये जिसे स्थापित कर श्री राम जी ने भगवान शिव की आराधना की। यही रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग नाम से प्रसिद्ध हुआ। छोटे आकार का यह शिवलिंग रामनाथ स्वामी भी कहलाता है। यही विश्वलिंगम भी कहलाता है। यही मुख्य शिवलिंग ज्योतिर्लिंग है, पर पूजा दोनों शिवलिंगों की होती है।
किवदंती के अनुसार रामेश्वरम मंदिर परिसर में स्थित कुओं को भगवान श्री राम ने अपने अमोघ बाणों से निर्मित किया था।
तत्पश्चात विभिन्न राजा महाराजाओं ने मंदिर निर्माण में योगदान दिया, जो रामेश्वरम मंदिर के नाम से जग प्रसिद्ध हुआ।
रामेश्वरम मंदिर भारतीय निर्माण कला का एक अद्भुत नमूना है जो द्रविण स्थापत्य शैली में है। मंदिर में सैकड़ों विशाल खम्भे हैं और प्रत्येक खम्भे बारीक कला कृतियों का नमूना है।
रामेश्वरम हिन्द महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा हुआ एक सुन्दर शंख आकार का द्वीप है। यहाँ रेल सेवा से लोग जाते हैं।
रामेश्वरम मंदिर में जो श्रद्धालु ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्चना करता हैं और गंगाजल चढ़ाता है, उसे समस्त पापों से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नमामि
goforblessings writes on rameshwaram jyotirlinga
goforblessings celebrates god the father rameshwaram bhagwaan shiv. viewers will celebrate and worship god the father.
Let my soul glory in the Lord SHIVA. HIS praise shall be ever in my mouth. YOUR kindness is greater good than life. My lips shall glorify YOU.
ReplyDeleteMay Lord Shiva shower blessings on us.
ReplyDeleteO MOST HIGH, I sing praise to Your Name.
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