विश्व धरोहर पवित्र महाबोधि मंदिर
छठवीं शताब्दी में गौतम बुद्ध आज के बिहार की राजधानी पटना के दक्षिण पूर्व में लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर गया जिले से सटे शहर पहुँचे, जो गंगा जी की सहायक नदी फल्गु के किनारे स्थित है। इस नदी के तट पर एक बोधि पेड़ के नीचे कठिन तपस्या प्रारम्भ की।
गौतम बुद्ध को बैसाख महीने के पूर्णिमा के दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई। अतः इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा तथा यह जगह बोध गया के नाम से प्रचलित हुआ। वे स्वयं बुद्ध नाम से विश्व विख्यात हुए।
गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति होने के वर्षों पश्चात् महान राजा अशोक बोध गया पहुँचें। गौतम बुद्ध के सारगर्भित उच्चरित प्रवचनों से अभिभूत उनके अनुयायी बन गए तथा महाबोधि मंदिर के साथ ही कई स्मारकों का निर्माण कराये।
महाबोधि मंदिर में स्थापित बुद्ध की मूर्ति बौद्ध जगत में सर्वाधिक प्रतिष्ठा प्राप्त मूर्ति है। यह बुद्ध की रमणीय शांत मूर्ति, भव्य और सुन्दर है।
बुद्ध की यह ज्ञान भूमि बोध गया आज बौद्धों के सबसे बड़े पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। भव्य महाबोधि मंदिर विश्व धरोहर घोषित है।
रमणीय बोध गया में ही अन्य देशों के मठ भी स्थित हैं जैसे- थाई मठ, रॉयल भूटानी मठ, जापानी मंदिर आदि। 👇
बौद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ अन्य धर्मों के श्रद्धालु आध्यात्मिक ध्यान और प्रार्थना के लिए आते हैं तथा महाबोधि मंदिर में प्रतिष्ठित गौतम बुद्ध की भव्य मूर्ति के समक्ष बैठ उनकी पूजा करते हैं। वे पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करते हैं तथा मोमबत्ती या घी के दीपक जलाते हैं।
बुद्धम् - शरणम् - गच्छामि की मंद ध्वनि मानसिक शांति प्रदान करती है।
goforblessings writes on pavitra mahabodhi mandir
goforblessings celebrates god the father gautam budhha. viewers will worship and celebrate god the father.











The Enlightened Gautam Budhha may kindly bless us.
ReplyDeleteHis teachings spread fragrance of flowers.
Lord Buddha, Your kindness is a greater good than life; my lips shall glorify YOU.
ReplyDeleteMeditation under Bodhi Tree leads to self awareness and exploration of mind and spirit.
ReplyDeleteIt awakens self.
Sitting in silence under Bodhi Tree is the way HE, LORD BUDDHA speaks to us.
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