निष्कलंक महादेव का समुद्रीय जलाभिषेक





गुजरात के भावनगर में स्थित निष्कलंक महादेव को सागर अपनी उच्च लहरों द्वारा जलाभिषेक करता है। ज्वार के समय शिवलिंग के पास लगा ध्वज ही दिखता है। ज्वार के शांत होने पर लोग पैदल चलकर इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। 

ये महादेव शिवलिंग महाभारत कालीन है। यहाँ पांडवों ने तपस्या की व् भगवान् शिव को प्रसन्न किया। पांचों पांडवों को भगवान् शिव ने लिंग रूप में अलग-अलग दर्शन दिए। पांडवों ने यहाँ अपने सभी कलंकों से मुक्ति पायी इसलिए इसे निष्कलंक कहते हैं। वही पांचों शिवलिंग आजतक यहाँ विद्यमान हैं। 

अतः मान्यता है की भक्तों और श्रद्धालुओं के सारे कलंक यहाँ आकर पूजा करने और दर्शन मात्र से धुल जाते हैं। 


goforblessings writes on nishkalank mahadev ka samudra jalabhishek

goforblessings celebrates god the father nishkalank mahadev. viewers will also celebrate god the father

Comments

  1. I grow flower of gratitude FOR Mahadev Shiv.
    During.......
    Happy moments...we pray
    Difficult moments..we seek
    Quiet moments...we trust
    ALL MOMENTS..BOW THEE.

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  2. I worship Lord Shiva with all my heart.
    Love and peace are my God.
    I bow.

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