सूर्यदेव नारायण
सूर्य मंदिर
सूर्य कुंड
कंचनजंगा पहाड़ियों पर सूर्योदय
देवता ब्रह्मा के मुख से ॐ महा शब्द उच्चरित हुआ, जो परब्रह्म है और ब्रह्मा जी के चारों मुखों से चार वेद आविर्भूत हुए और ॐ के तेज से मिलकर उत्पन्न स्वरुप सूर्यदेव हैं।
आदित्य सूर्य सर्वप्रमुख देवता है। इनके दोनों भुजाओं में कमल सुशोभित है व् स्वयं कमल पर विराजित हैं। लाल वर्ण सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर चलते हैं, जिसमें संवत्सर चक्र है। आदित्य सूर्यदेव के रथ में बारह अरे बारह महीनों के प्रतीक हैं।
वर्ष 1026 - 27 ई. में राजा भीम देव प्रथम ने पुष्पावती नदी के किनारे आज के मोढेरा, मेहसाणा, गुजरात में सूर्य मंदिर का निर्माण कराया। यह अब राष्ट्रीय महत्व का स्मारक है। इसमें पूजा करना निषिद्ध है। मंदिर के समक्ष सूर्य कुंड है। सूर्य मंदिर स्थापत्य एवं शिल्प का विलक्षण उदाहरण है।
सूर्यदेव नारायण एकमात्र देव हैं जो साक्षात् दिखाई पड़ते हैं। इनकी विधि -विधान पूर्वक पूजा करने से सफलता, मानसिक शांति और शक्ति का संचार होता है।
सूर्यदेव नारायण की प्रसन्नता के लिए नित्य सूर्यार्ध्य देना चाहिए जिसका मंत्र निम्न है --
ॐ घृणिं सूर्याय नमः
नमामि
goforblessings worships suryadev narayan
goforblessings celebrates god the father suryadev narayan. viewers will worship and celebrate HIM as god the father





Shat shat naman.
ReplyDeleteGreat and Majestic
ReplyDeleteSuryadevara the Creator
Bless me.
We are blessed by showering of YOUR BRIGHTNESS of which a ray even makes us feel humble with gratitude.
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