ॐ ओम्







ॐ सबसे मूल्यवान मानव धन है जो अच्छाई, शक्ति, ईश्वर भक्ति और आदर का प्रतीक है।  
ॐ ओउ्म ईश्वर हैं। 
अ   से   व्यापक, सर्वदेशीय और उपासना करने योग्य 
उ    से   बुद्धिमान, सूक्ष्म, सब अच्छाई का मूल और नियमपालक 
म    से   अनंत, अमर, ज्ञानवान और पालनकर्ता 
ॐ  से उपरोक्त भाव उत्पन्न होते हैं।  
ॐ  इस ब्रह्माण्ड में भरा है जैसे- आकाश।
इसके उच्चारण मात्र से शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक लाभ मिलता है, जिससे प्राणी को आनंद और शांति अनुभव होता है l




प्राणी को लाभ प्राप्ति हेतु अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के अभ्यास की साधना नियमतः शुद्धता, संतोष, तप, स्वाध्याय और फल की चिंता ईश्वर की कृपा पर छोड़ते हुए करना चाहिए। 
अंततः ॐ के उच्चारण के साथ भावनापूर्ण ढंग से ईश्वर का ध्यान सब चुनौतियों को पार करवाने वाला सिद्ध होता है। जिस तरह हवा को देखने से नहीं बल्कि स्पर्श से पहचाना जाता है----




----उसी तरह ॐ उच्चारण के साथ ईश्वर ध्यान से प्रभु दर्शन होते हैं। 




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Comments

  1. There is a reality-- AUM so subtle for mankind that HE becomes more real TRUTH than any reality.
    AUM AUM AUM AUM AUM.

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  2. We live within all creations of AUM. We are blessed.

    ReplyDelete

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