द्वारिकाधीश श्री कृष्ण









                                                               श्री द्वारिकाधीश 




                                                                       राधा मंदिर 






                                              सुदामा मंदिर 
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श्री कृष्ण विष्णु भगवान के अवतार थे। ये निष्काम, कर्मयोगी, दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवीय संपदाओं से सुसज्जित महान देव हैं ।
श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। वे वासुदेव और देवकी के संतान थे ।यशोदा और नंद ने उनका पालन पोषण किया था । श्री कृष्ण का जन्म प्रत्येक वर्ष जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है । 
श्री कृष्ण का बचपन गोकुल में व्यतीत हुआ था । उन्होंने बाल्यकाल में मथुरा में दुराचारी कंस का वध किया, पांडवों की मदद, महाभारत में अर्जुन के सारथी की भूमिका निभाई और भगवत गीता का ज्ञान दिया ।
देवभूमि द्वारका को श्री कृष्ण ने बसाया ।यह भारत के पश्चिम में गुजरात प्रान्त में समुद्र के किनारे बसाया गया था ।श्री कृष्ण मथुरा में उत्पन्न हुए परंतु राज द्वारिका में किया ।
श्री कृष्ण और राधा को दिव्य प्रेम का प्रतीक माना गया है ।
बेत द्वारिका टापू में श्री कृष्ण अपने प्रिय किंतु दरिद्र मित्र सुदामा से मिले थे ।इसे मित्रता का प्रतीक माना गया है ।
बेत द्वारिका जल से घिरा द्वीप है।वहाँ जाने हेतु नौका की सवारी की जाती है,जो प्रायः 15 मिनट का है ।
महर्षि बेदव्यास द्वारा रचित श्री मद्भागवत् और महाभारत में श्री कृष्ण के लीलाओं का वर्णन है ।श्री मद् भगवत् गीता में श्री कृष्ण और अर्जुन का संवाद है ।
124 वर्षों के जीवन काल के पश्चात् श्री कृष्ण की लीला समाप्त हुई । साथ ही उनकी बसाई द्वारिका देव भूमि समुद्र में जलमग्न हो गई ।आज भी उस नगरी के अवशेष मौजूद हैं ।
ऐसी मान्यता है कि वर्तमान द्वारिका मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित उनके पोते द्वारा बनवाई गई ।
श्री कृष्ण युगपुरुष थे । उनकी प्रतिमा क्षेत्रीय विविधताओं में विभिन्न रूपों में देखने को मिलती है ।जैसे उड़ीसा में श्री जगन्नाथ, महाराष्ट्र में श्री विठ्ठल, राजस्थान में श्रीनाथ जी, गुजरात में श्री द्वारिकाधीश और केरल में श्री गुरूवायरूप्पन ।
महान प्रवर्तक श्री कृष्ण की पूजा श्रद्धापूर्वक हर्षोल्लास के साथ घरों और मंदिरों में की जाती है । वे अपने भक्तों के कष्टों का निवारण कर सुख शांति प्रदान करते हैं ।
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Comments

  1. MY HUMBLED HEART IN GLORY OF GOD SHRI KRISHNA, THE ALMIGHTY.

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  2. Melodious prayer sung in praise of the Lord is pleasant.
    Admonishments to Kauravas by the Lord narrated powerfully
    by Ashutosh is exceptional.
    Omnipresent Lord Krishna bless us.

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  3. जय श्री कृष्ण

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