सुजलां सुफलाम् मलयजशीतलां

जन्मभूमि का स्थान स्वयं से भी श्रेष्ठ एवं महान है। यह पुण्य क्षेत्र है ; अमल, असीम और त्याग से विकसित। इसका वात्सल्य विभिन्न रूपों में समस्त लोगों पर न्योछावर है। इसकी महत्ता सभी भौतिक सुखों से कहीं अधिक है। अतः इसकी रक्षा एवं सम्मान करना मनुष्यता का परम उत्तरदायित्व है और उसके स्वयं के विकास को चरितार्थ करता है। जो भरा नहीं है भावों में बहती जिसमें रस धार नहीं। ह्रदय नहीं वह पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं। विभिन्न कलाओं एवं अभिव्यक्तियों से ही सुजलां सुफलां मलयजशीतलां की पावन धरती पर भगवान आ बसते हैं नमन goforblessings writes on sujalaam suphalaam malayajshitalaam goforblessings celebrates sujalaam suphalaam malayajshitalaam and offers prayer to noble god the father. viewers will also celebrate and bow to the noble god the...