देवी माँ सरस्वती

 

देवी माँ सरस्वती सतोगुणी महाशक्ति एवं प्रमुख त्रिदेवियों में से एक ब्रह्मा जी के जिह्वा से प्रकट हुईं, अतः वे ब्रह्मा- पुत्री कहलाती हैं। वे स्वरुप, प्रकृति, शक्ति, ब्रह्मज्ञान, विद्या, नृत्य, संगीत, कला आदि की अधिष्ठात्री देवी मानी गयी हैं। 
देवी माँ सरस्वती के हाथों में वीणा, वर-मुद्रा पुस्तक एवं माला है तथा वे श्वेत कमल पर विराजित हैं। वे सभी प्रकार की ब्रह्म विद्या, बुद्धि एवं वाक् प्रदाता हैं। संगीत की उत्पत्ति के कारण वे संगीत की अधिष्ठात्री देवी हैं। 
ऋग्वेद में भगवती सरस्वती का वर्णन 👇

                 प्रणो  देवी  सरस्वती  वाजेभिर्वाजिनीवती  धीनामणिभयवतु। 
 

वे परम चेतना हैं। सरस्वती रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हम में जो मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती हैं। इनकी समृद्धि और स्वरुप का वैभव अद्भुत है। 
वसंत पंचमी के दिन ब्रह्म विद्या की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की पूजा सहर्ष मनोयोग से मनाई जाती है। उनकी आराधना से श्रद्धालु को ज्ञान, विद्या एवं कला में निपुणता की प्राप्ति होती है। 

नमामि 

goforblessings writes on devi maa saraswati 

goforblessings worships and celebrates goddess devi maa saraswati. viewers will also celebrate and worship goddess devi maa saraswati.

Comments

  1. I worship Maa Sarswati and seek her blessings.

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  2. O MAA, THE SUN, THE MOON AND STARS SING YOUR PRAISES ALL THE TIME. THEY WORSHIP YOU CEASELESSLY. I offer my flowers.

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